लिपटी रहूँ पिया संग कैसे देह का चंदन घिसूँ, लिपटी रहूँ पिया संग कैसे देह का चंदन घिसूँ,
स्वयं की प्रतिभा पर करता संशय किंकर्तव्यविमूढ़ स्थिति में जीवन पहुँचाया स्वयं की प्रतिभा पर करता संशय किंकर्तव्यविमूढ़ स्थिति में जीवन पहुँचाया
दुनिया मे बहुत घूम रहा हूं अपने आप को ढूंढ रहा हूं। दुनिया मे बहुत घूम रहा हूं अपने आप को ढूंढ रहा हूं।
अनभिज्ञ थे इस बात से- अपार प्रेम समंदर भरा है दिल के अंदर! अनभिज्ञ थे इस बात से- अपार प्रेम समंदर भरा है दिल के अंदर!
बिम्ब के भ्रम में ही कुत्ता रोटी गँवाता। बिम्ब के भ्रम में ही कुत्ता रोटी गँवाता।
प्राण पखेरू उड़ जाते हैं रह जाती है केवल कस्तूरी की मृगतृष्णा। प्राण पखेरू उड़ जाते हैं रह जाती है केवल कस्तूरी की मृगतृष्णा।